धानापुर : कोरोना से उपजे महामारी के दौरान आम जन को काफी संकटों से गुजरना पड़ रहा है. पुरे देश में हुए लॉक डाउन के कारण पिता की मृत्यु के बाद भी बेटे न आखिरी दर्शन कर पा रहे हैं न ही अपने पिता को मुखाग्नि दे पा रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला धानापुर क्षेत्र के नौली गाँव में देखने को मिला जहाँ एक पिता की मौत के बाद उनके दो बेटे न मुखाग्नि देने आ सके न ही अंतिम दर्शन कर पाए. लॉक डाउन के चलते बाहर में नौकरी कर रहे पुत्र/पौत्र ऐसे विकट समय पर भी घर नहीं आ सके फलस्वरूप पड़ोसी पट्टीदार को मुखाग्नि देनी पड़ी.
दो पुत्र व दो पौत्र होने के बाद भी पड़ोसी ने दी मुखाग्नि
प्राप्त जानकारी के अनुसार, धानापुर क्षेत्र के सरस्वतीपुर नौली गाँव निवासी केशव तिवारी (74) अपने पत्नी शारदा देवी (72) के साथ गाँव में रहते थे. केशव के दो पुत्र व दो पौत्र हैं. वर्तमान में सभी बाहर रहकर निजी कंपनियों में कार्य कर रहे हैं. बड़ा बेटा श्याम शंकर , नासिक में तो छोटा बेटा चन्दन नोएडा के निजी कंपनी में काम करता है. जबकि एक पौत्र कृष्णकांत कोलकाता में व दूसरा पौत्र धनञ्जय तिवारी पानीपत में निजी कंम्पनी के काम करते हैं. केशव तिवारी पिछले कुछ दिनों से किडनी के बीमारी से ग्रसित थे और सोमवार को उनका निधन हो गया.
निधन के सुचना के बाद भी बेटे लॉक डाउन की वजह से घर नहीं आ सके जिस पर केशव के पट्टीदार ने उनका अंतिम संस्कार किया. इसके साथ ही साथ अब पट्टीदार ही आगे के धार्मिक कार्य भी करने की तैयारी में लग गये हैं.