चकिया : अपर सत्र न्यायाधीश सुधाकर राय की अदालत ने गुरुवार को विवाहिता की हत्या के एक मामले में , उसके पति व प्रेमिका को साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए, आजीवन कारवास की सजा सुनाई. आजीवन कारावास की सजा के अलावा दोनों पर 30-30 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया. अर्थदंड जमा ने करने की स्थिति में दोनों को 2-2 माह अतिरिक्त कारवास की सजा सुनाई. 2004 में हुई हत्या के इस मामले में अंततः 15 वर्षों बाद फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय की अदालत में यह फैसला सुनाया गया.
प्रेमिका के साथ मिलकर पति ने की पत्नी की हत्या
वाद के मुताबिक, चकिया कोतवाली क्षेत्र निवासी, दिलीप सिंह ने 2004 में कोतवाली में तहरीर में तहरीर दी थी, जिसके अनुसार, दिलीप सिंह के बहन रीता सिंह की शादी रघुनाथपुर निवासी राजेश सिंह के साथ हुई थी. राजेश मध्य प्रदेश में एक प्राइवेट कंपनी में कार्य करता था , इसी दौरान राजेश सिंह का सम्बन्ध, उसी कंपनी में कार्य करने वाली जया सिंह नामक लड़की से हो गया. कुछ दिनों उपरांत, जया सिंह, राजेश के घर भी आने जाने लगी.
जया के घर आने से , राजेश व उसकी पत्नी के बीच विवाद हुआ. सुचना पर पहुंचे विवाहिता के भाई राधेश्याम से भी राजेश की खूब बहस हुई. इसके बाद विवाहिता का भाई अपने घर वापस लौट आया. अगले दिन विवाहिता रीता का शव कमरे में लटकता मिला. जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने चकिया कोतवाली में तहरीर देकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. जिस पर गुरुवार को न्यायाधीश सुधाकर राय ने हत्या का मामला सही पाते हुए पति व उसकी प्रमिका को उम्रकैद की सजा सुनाई.