पड़ाव : 1950 में बनी लाल कालोनी का निर्माण फैक्ट्री में कामकाज करने वाले मजदूरों के लिए बनाई गई थी। फैक्ट्री के बंद होने के बाद श्रम विभाग ने लाल कालोनी को मजदूरों को रहने के लिए दे दिया। लेकिन कुछ समय पहले से इस कालोनी में रहने वाले मजदूरों के ऊपर एक विकट समस्या यह है कि इस कालोनी को प्रशासन NDRF को सौंपना चाहता है क्योंकि यहाँ NDRF सेंटर बनाना है।
आजादी के बाद मजदूरों को रोजगार देने के लिए भूमि अधिग्रहीत कर फर्टिलाईजर फैक्ट्री खोली गई तथा फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को रहने केलिए लाल कालोनी का निर्माण हुआ था। अब इस कालोनी को NDRF को सौंपे जाने पर लाल कालोनी के कुछ लोगों ने न्यायालय का भी रुख किया जिसमें 15 लोगों के आशियाने गिरने से बच गए। फिर भी प्रशासन ने अभियान चलाकर क्वार्टरों को खाली कराया तथा कुछ क्वार्टरों को ध्वस्त भी कर दिया गया। इन क्वार्टरों में रहने वाले मजदूर अपने परिवारों के साथ जीवन का रहे थे लेकिन बुधवार की दोपहर प्रशासन व पुलिस पहुँचकर 15 आवासों को छोड़कर सभी को खाली कराया तथा ताला मारकर चाभी NDRF के अधिकारियों को सौंप दिया। बताते चलें की श्रम विभाग की हरी झंडी के बाद ही प्रशासन के द्वारा मजदूर निकाले गए।
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