सदर : जिले में प्रति वर्ष गंगा कटान के कारण किसानों की घटती जमीन और बाढ़ से हो रही फसलों की बर्बादी की समस्या के समाधान के लिए आज राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित युवा समाजसेवी राकेश यादव रौशन ने प्रदेश के राज्यपाल महामहिम राम नाईक से लख़नऊ स्थित राजभवन में मुलाकात की। उन्होंने महामहिम को सामाजिक संस्था ‘रौशन फाउंडेशन’ के बैनर तले गंगा कटान से संबंधित ज्ञापन दिया। महामहिम ने गंगा कटान की समस्या पर ठोस निर्णय लेकर इसे जल्द से जल्द दूर कर किसानों को राहत देने की बात कही।
हर वर्ष सैकड़ों बीघे जमीन कटान की भेंट चढ़ जाती है
विदित हो कि गंगा नदी जनपद की कई सीमाओं को छूती हुई प्रवाहित होती है। इसके तट पर जनपद के सैकड़ों गांव बसे हुए हैं। प्रतिवर्ष बरसात के दिनों में पानी बढ़ने पर गंगा नदी की जल धाराएं तटों से टकराती है, जिससे उसके करार कट कटकर गिरते जाते हैं। इस प्रकार सैकड़ों एकड़ किसानों की जमीन हर साल गंगा के कटान की भेंट चढ़ जाती है । गंगा कटान से किसानों के खेतों के घटते रकबे का शासन – प्रशासन स्तर पर उन्हें कोई मुआवजा भी नहीं दिया जाता। गंगा की बाढ़ से किसानों की हज़ारों एकड़ फसलें प्रति वर्ष बर्बाद होती हैं और उनका जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है।
गंगा कटान से दर्जनों गांवों के हजारों किसान हो रहे भूमिहीन
राकेश रौशन ने बताया कि गंगा कटान और बाढ़ से जिले के कटेसर, बहादुरपुर, कुंडा, सुलतानीपुर, कैली, कुरहना, महुअरियां, महुआरी, महड़ौरा, सराय, बलुआ, महुअर, पूरा गनेश, जुड़ा हरधन, बिजई का पूरा, चकरा, टांडा, सरौली, महमदपुर, तिरगांवा, हसनपुर, मारुफपुर, भुसौला, मुकुंदपुर, सरैया, बड़गावा, निधौरा, गद्दोचक, बोझवा, सहेपुर, प्रसहटा, नौघरा, नरौली, अमादपुर और महुजी नार सहित सैकड़ों गांव प्रभावित होते हैं। इन सैकड़ों गांवों में लाखों ऐसे लोग रहते हैं, जिनकी रोजी रोटी कृषि पर आधारित है। ज़मीन और फसलों की बर्बादी से किसानों को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक पीड़ा उठानी पड़ती है। गंगा का अतिशय पानी किसानों के सपनों पर पानी फेर देता है।
राकेश रौशन ने आगे बताया कि महामहिम ने किसानों की इस पीड़ा को गंभीरता से लेते हुए दुःख व्यक्त किया और चंदौली जनपद के किसानों की इस बड़ी समस्या के जल्द से जल्द स्थाई समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही।