धानापुर : “मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है, मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।” वास्तव में रमेश कुछ ऐसे ही अपने माँ को प्यार करता था, जोकि माँ के जाने के 48 घंटे तक भी जिन्दा नहीं रह सका। रो-रोकर घरवालों का बुरा हाल है। आस-पास के लोग परिवारवालों को ढांढस बंधा रहे है लेकिन दो दिन में ही परिवार के दो लोगों की मौत के बाद हिम्मत भी टूट जाती है।
परिवार में एकलौता कमाने वाला था रमेश
धानापुर क्षेत्र में जगदीशपुर गाँव का रहने वाला रमेश राजमिस्त्री का काम करता था। वह वर्तमान में सीतापोखरी में काम करने जाता था। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले ही उसकी माँ भारमती देवी (65) की अचानक मौत हो गयी थी। माँ की अचानक मौत से रमेश को गहरा सदमा लग गया। जब वह शुक्रवार की शाम को काम ख़त्म करके घर लौटा और सो गया।
शनिवार की भोर में उसके सीने में तेजी से दर्द हुआ। आनन-फानन में परिवारवाले उसे लेकर धानापुर एक निजी अस्पताल गए। हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उसको अन्यत्र रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन उसे लेकर सकलडीहा अस्पताल गए जहा डॉक्टरों ने रमेश को मृत घोषित कर दिया।
रमेश परिवार में कमाने वाला अकेला व्यक्ति था। रमेश के चले जाने के बाद अब उसकी पत्नी के ऊपर तीनों बेटों और एक बेटी की जिम्मेदारी आ गयी है। पिछले मात्र 48 घंटों में परिवार में हुई दो मौतों के बाद सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
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