CHANDAULI NEWS: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गयी बड़ी कार्रवाई से डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सीधे शब्दों में कहा है कि निजी अस्पताल में मरीज देखने का मामला गंभीर है। ऐसी प्रैक्टिस बर्दास्त नहीं की जाएगी। इसको देखते हुए वाराणसी के पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय के सीएमएस में सहित सभी चिकित्सा अधिकारियों को पद से हटा दिया गया है और चिकित्सीय व्यवस्था खराब करने वालों को कठोर कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सरकार की मंशा है कि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। इसके लिए जब चंदौली जनपद में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का दौरा हुआ था, तो उन्होंने सभी चिकित्सकों को आगाह करते हुए कहा था कि बाहर की दवा लिखना और निजी प्रेक्टिस करने वालों का अब खैर नहीं रहेगा। इसी के क्रम में चंदौली के सटे हुए जिले वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दिग्विजय सिंह सहित चिकित्सा अधिकारियों को पद से हटा दिया गया है। सभी पर विभागीय कार्य में लापरवाही एवं उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप है। मामले की जांच लखनऊ निदेशालय के निदेशक (प्रशासन) को जांच दी गई है। उन्हें एक महीने में जांच कर रिपोर्ट देनी होगी ।
वहीं बाराबंकी के सीएमएस बृजेश कुमार सिंह को वाराणसी भेज दिया गया है। सरकार के आदेश से जिला स्तरीय या बड़े चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सकों को एक संदेश देना चाह रही है कि सरकारी नौकरी करने वालों को सरकार के नियम कानून हर हालत में मानने होंगे।
निजी प्रैक्टिस की शिकायत में वाराणसी मंडलके चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था के अपर निदेशक एवं सीएमओ द्वारा की गई । जांच के मामले में सही पाए जाने पर मुख्य अधीक्षक डॉक्टर दिग्विजय सिंह को कई बार अन्य चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही का निर्देश दिया गया था, लेकिन इनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जांच के दौरान डॉक्टर दिग्विजय सिंह खुद भी निजी प्रेक्टिस करने में शामिल पाए गए। ऐसे में उन्हें पद से हटकर लखनऊ मुख्यालय में संबंध कर दिया गया है। शेष लोगों को अन्यत्र संबद्ध किया गया है।