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Friday, November 22, 2024
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कुएं में धंसने से पिता – पुत्र की दर्दनाक मौत

चाहनिया : क्षेत्र के रामगढ गाँव में शुक्रवार को एक ह्रदय विदारक घटना में पिता व उनके एकलौते पुत्र की दर्दनाक मौत हो गयी. घर के पास ही वर्षो पूर्व पाट दिया गया दलदली कुआँ में दोनों पिता – पुत्र समा गये. पिता – पुत्र को कुएं से बाहर निकालने के लिए प्रशासन व ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. तत्पश्चात दलदली कुएं की जेसीबी से खुदाई भी कराई गयी फिर भी पिता पुत्र का कुछ पता नहीं चला. अंततः NDRF की टीम ने मौके पर पहुँच कर पिता – पुत्र के शवों को बाहर निकाला. इस दौरान घटना स्थल पर भारी भीड़ जमा रही.

रामगढ गाँव

रामगढ गाँव की हृदयविदारक घटना

प्राप्त जानकारी के अनुसार रामगढ गाँव में चन्द्रबली पाण्डेय के घर के सामने पुराना कुआँ था, जिसे मिट्टी डाल कर पाट दिया गया था व उसी पर पटिया डाल कर लोग उठा बैठा करते थे. शुक्रवार को शाम लगभग 4 बजे चन्द्रबली का एकलौता पुत्र दीपक पाण्डेय उसी कुएं के ऊपर रखे पटिये पर बैठा कि वह अचानक पटिया समेत कुएं में समाने लगा. अपने आँखों के सामने एकलौते पुत्र को कुएं में गिरते देख चन्द्रबली भी फ़ौरन एक रस्सी के सहारे कुए में कूद गये. लेकिन शायद दलदली कुंए के अन्दर दम घुटने से उनके हाथों से रस्सी छुट गयी. इसके बाद पिता पुत्र दोनों कुएं में गायब हो गये.

रामगढ गाँव

पिता – पुत्र के कुएं में समा जाने के बाद मौके पर पहुंचे बलुआ थानाध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह ने भी ग्रामीणों के सहयोग से पिता -पुत्र को निकालने की कोशिश की मगर उन्हें भी सफलता हाथ नहीं लगी. धीरेन्द्र सिंह साहस कर कुएं के अन्दर गये मगर कुएं के अन्दर ऑक्सीजन की कमी होने के कारण वो बाहर निकल आये. सूचना पर एसडीएम् राम सजीवन मौर्य, सीओ त्रिपुरारी पाण्डेय, एम्बुलेंस व दमकलकर्मी भी मौके पर पहुँच गये. सफलता हाथ लगता न देखकर फिर जेसीबी बुलाकर उस दलदली कुएं की लगभग 20 फीट गहरी खुदाई कराई गयी फिर भी पिता – पुत्र का कुछ पता न चला. इसके बाद NDRF टीम मौके पर लगभग 8 बजे रात्रि को पहुंची व कुछ ही देर में पिता पुत्र के शवों को बाहर निकाल दिया.

रामगढ गाँव

पिता – पुत्र के साथ घटी इस हृदयविदारक घटना से पुरे गाँव में मातम छा गया. शव निकलने के बाद वहां मौजूद हर किसी की आँख नम थी. दीपक की माँ सीमा एक साथ अपने पति व पुत्र को खो देने का गम बर्दाश्त ही नहीं कर पा रही हैं और वह अक्सर बेसुध हो जा रही थी.

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