PDDU नगर : पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर नगर निवासी अधिवक्ता संतोष पाठक द्वारा डाली गयी आरटीआई में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में हैरतअंगेज खुलासा हुआ है. आरटीआई एक्टिविस्टों की संस्था “रक्त” के अध्यक्ष संतोष पाठक ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के मौत के कारण को जानने के लिए और उनके पोस्टमार्टम की प्रति के लिए , सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब माँगा था. जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय के तरफ मिले जवाब में यह कहा गया है कि प्रधानमन्त्री कार्यालय के पास पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है.
आरटीआई के अनुसार, कुछ इस तरह हुई थी लाल बहादुर शास्त्री की मौत
पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी के मृत्यु के कारणों को बताते हुए, प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव एवं केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी प्रवीन कुमार ने बताया कि ताशकंद जहां कि प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु हुई थी। वहां 10 जनवरी 1966 को पूरे दिन लाल बहादुर शास्त्री जी बिल्कुल स्वस्थ थे, 10 जनवरी 1966 की रात को भी प्रधानमंत्री अपने आप को बिल्कुल स्वस्थ महसुस कर रहे थे, उन्होंने अपने स्वास्थ्य के संबंध में कोई शिकायत नहीं की थी।
10 जनवरी 1966 की रात रिसेप्शन के बाद अपने कमरे में लौटे थे शास्त्री जी
10 जनवरी 1966 की शाम को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने काउंसिल आफ चेयरमैन ऑफ मिनिस्टर यू एस एस आर, ए0 एन 0 कोसीजीन के द्वारा दिए गए रिसेप्शन में शामिल भी हुए थे । डॉ आर एन चघ (Chugh) जो कि प्राइम मिनिस्टर के अटेंडेड डाक्टर थे उनके अनुसार प्रधानमंत्री रिसेप्शन से लौटने के बाद बिल्कुल स्वस्थ थे और उन्होंने हेल्थ के संबंध में कोई कंप्लेन नही की थी, वे बहुत अच्छे मूड में थे और रिसेप्शन से लौटने के बाद उन्होंने दिल्ली में अपने रिश्तेदारों से बात भी की। उस रात रात्रि लगभग 12:30 बजे जब वे बेड पर गए तब भी वे स्वस्थ थे।
11 जनवरी को आखिरी सांस ली थी पूर्व प्रधानमंत्री ने
11 जनवरी 1966 की भोर में लगभग 1:20 पर मेसर्स सेय कपूर और शर्मा जो कि प्राइम मिनिस्टर के साथ अगले रूम में रुके हुए थे, उन्होंने देखा कि प्रधानमंत्री अपने बेड पर बैठे हुए थे और वह सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे थे, वे अपनी छाती को पकड़े हुए थे और उनका हाथ पीला पड़ गया था । डॉक्टरों ने पाया कि उनका उनकी पल्स काफी तेज चल रही है, ब्लड प्रेशर रिकॉर्ड नहीं हो पा रहा था , उनकी पल्स बहुत तेज चल रही थी ,कुछ सज्जन लोगों की मदद से प्राइम मिनिस्टर को हॉस्पिटल लाया गया और उन्हें मै 15 मिलिमेप्थेनटिन सल्फेट और 1मिली माईकोरेना इंजेक्शन दी गई । 3 मिनट के बाद प्रधानमंत्री का कान्सस खत्म हो गया था। पल्स डिसएपीयर हो गई थी और सांसे रुक गयी थी, हार्टबीट रुक गई थी और 1:32 पर 11 जनवरी सन 1966 को प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का देहांत हो गया था।
डॉक्टर आर्यन ऑलरेडी उनको ट्रीटमेंट दे रहे थे और उनकी सूचना पर रशियन डॉक्टर एफ जी येरे मेन्को हां पहुंच गए थे लेकिन तब तक शास्त्री जी का देहांत हो चुका था, उनको रेस्पिरेशन के द्वारा कुछ क्रियाएं कराई गई ,लेकिन फिर भी पल्सेस नहीं पाई गई और 15 मिनट बाद दुबारा उनको पोटेशियम क्लोराइड का मिक्सचर और एन्डरेलीन व ग्लुकोज दिया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, इन्त्युबेशन ट्यूब की मदद से रेस्पिरेशन भी कराया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, यह पाया गया कि शास्त्री जी नहीं रहे। शास्त्री जी की जब मौत हुई थी उस समय उनके साथ डॉ आर एन कफ , डिप्टी मिनिस्टर ऑफ हेल्थ एसएसआर, प्रोफेसर U A Aripoy , प्रोफेसर y y gorden , प्रोफेसर O N Pavlova, prof. M S Tarsun , Prof. Z E Ummidova शास्त्री जी के साथ थे ।