CHANDAULI NEWS: चंदौली के जिला मुख्यालय स्थित अतिथि गृह में राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार की सदस्य डॉ अर्चना मजूमदार ने राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार कार्यक्रम में जन सुनवाई किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न मामलों की सुनवाई की और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
एक पीड़ित महिला द्वारा पति से दिल्ली मिलवाने ले जाने के नाम पर पति के रिश्तेदार द्वारा दुराचार के मामले में निवर्तमान सैयदराजा प्रभारी द्वारा मुकदमा न लिखकर न्यायालय भेजने की शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भड़क गई और अपर पुलिस अधीक्षक से तत्काल इस मामले में जांच करते हुए संबंधित के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर 15 दिन में सूचित करने के निर्देश दिया और तत्काल नया मुकदमा दर्ज करने के लिए भी कहा।
इसके साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बेहद नाराज दिखाई दीं और कहीं कि किसी भी हाल में महिलाओं के साथ शिथिलता बरतने वाले संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। वहीं पूरे देश में 151 सांसद-विधायकों पर महिलाओं के साथ उत्पीड़न पर उन्होंने ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने की भी बात कही।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ अर्चना मजूमदार महिलाओं की समस्याओं को सुनने के लिए जिला मुख्यालय के अतिथि गृह में उपस्थित होकर संबंधित अधिकारियों को मामले के निस्तारण कर न्याय दिलाने का निर्देश दिया।
महिला आयोग द्वारा कुल 33 लंबित प्रकरणों की सूची प्रेषित की गयी थी, जिसमें से 19 वादकारी उपस्थित हुए, इसके अतिरिक्त 07 नये प्रकरण भी सम्मिलित हुए।
इस दौरान जनपद की एक पीड़िता ने सैयदराजा थाने पर आरोप लगाया कि उसका पति उसके परिजनों से दहेज की मांग कर रहे थे, नहीं देने पर दिल्ली चले गए। पति का बड़ा भाई और उनका साला हमारे घर आकर पति से मिलवाने के लिए कहे।परिजनों को रज़ामंदी से मैं जेठ के साला के साथ दिल्ली पति से मिलने के लिए चले गए। दिल्ली में पति का मोबाइल स्विच ऑफ था। साथ ले गया पति का रिश्तेदार चार दिनों तक होटल में कमरा लेकर जबरदस्ती दुराचार करता रहा। वहां से आने के बाद पीड़िता द्वारा सैयदराजा निवासी आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने पर गई, जहां पीड़िता की सुनवाई नहीं हुई और कहा गया कि आपका मामला न्यायालय का है न्यायालय में जाइए।
पीड़िता की समस्या सुनकर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य पुलिस की कार्यशैली भड़क गईं। जनसुनवाई में मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक विनय कुमार सिंह से तत्काल तत्कालीन पुलिस अधिकारी को चिन्हित कर उसके खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए पीड़िता का नया मुकदमा भी दर्ज करने को कहा गया।
इस दौरान राष्ट्रीय आयोग की सदस्य से पत्रकारों द्वारा पूछा गया की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 151 विधायक एवं सांसदों द्वारा महिलाओं की उत्पीड़न के मुकदमा दर्ज है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि निश्चित ही महिलाओं के साथ आजादी के पहले से ही अत्याचार होते आए हैं और क्राइम करने वाले क्राइम करते रहते हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना और पीड़िता को न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है और अब उनको सुरक्षित रखने के लिए भी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़े हुए 30 हजार मामले हैं।
हर पीड़िता दिल्ली नहीं जा सकती इसके लिए हम लोग जनपद स्तर पर पूरे प्रदेशों में जाकर जन सुनवाई कर रहे हैं और उनको न्याय भी दिलाने का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ अर्चना मजूमदार ने आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए समयबद्ध एक्शन टेकर रिपोर्ट (एटीआर) प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया। विभिन्न महिलाओं के प्रकरण जो घरेलू हिंसा से संबंधित हैं तथा वाद माननीय न्यायालय में लम्बित हैं। सभी के पीडिताओं के बच्चों को स्पॉन्शरशिप योजना से आच्छादित किये जाने के साथ-साथ समाज कल्याण तथा कौशल विकास विभाग से उक्त महिलाओं को प्रशिक्षण तथा आवश्यक सामाग्री प्रदान किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
जनसुनवाई के दौरान महिलाओं ने अपनी शिकायती रखी, जिसमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना एवं अन्य मुद्दे शामिल थे। इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए। माननीय सदस्य डॉक्टर अर्चना मजूमदार ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा इस तरह के कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किया जा रहे हैं, ताकि महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी समस्याओं के समाधान करने में तेजी लाई जा सके।
जनसुनवाई कार्यक्रम में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक सदर, क्षेत्राधिकारी सदर, क्षेत्राधिकारी मुगलसराय, क्षेत्राधिकारी सकलडीहा, उप-जिलाधिकारी अविनाश कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारीगण के साथ जिला प्रोबेशन अधिकारी तथा महिला कल्याण विभाग एवं वन स्टाप सेन्टर के कार्मिक उपस्थित थे।
माननीय सदस्या के द्वारा वन स्टाप सेन्टर का भ्रमण व निरीक्षण किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राप्त प्रकरणों पर असन्तोष व्यक्त किया गया। साथ ही वन स्टप सेन्टर के कार्मिकों को निर्देशित किया गया कि विभिन्न पुलिस थानों से घरेलू हिंसा अधिनियम, महिला उत्पीड़न तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम के विभिन्न श्रेणियों यथा अति गम्भीर, गम्भीर तथा सामान्य श्रेणियों में पंजीकृत वादों का स्पष्ट विवरण तथा अन्य प्रकार के विवरण, जिसमें एफआईआर पंजीकृत नहीं हुआ है, प्राप्त करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। जनसुनवाई के समापन में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा समस्त अधिकारीगणों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।