इलिया (चंदौली):अव्यवस्थित जीवनशैली, खराब खानपान, चिंता, मोटापे से कई बीमारियां होती हैं। मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, यूरिक एसिड के साथ ही दिल की बीमारियों का खतरा भी बहुत बढ़ गया है । उक्त बातें बरहुआ स्थित मृत्युंजय हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ अशोक कुमार दुबे ने विश्व हृदय दिवस पर बुधवार को कहीं ।कहा कि हम किस तरह सही खानपान और नियमित व्यायाम कर अपने दिल का मजबूत बना सकते हैं।
इन दिनों 35 वर्ष से कम उम्र के अधिकांश मरीज हृदय की बीमारी से ग्रस्त है।जिन्हें थकान, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द व सांस फूलने जैसी समस्या है। ये सभी लक्षण दिल की बीमारी से जुड़े हैं।
दिमाग के शांत रहने से हृदय के कार्य में बाद नहीं आती है…
बदलती जीवनशैली से युवाओं का दिल समय से पहले ही कमजोर हो रहा है।
बताया कि हृदय रोग में आयुर्वेद बहुत लाभकारी है। अर्जुन की छाल का पाउडर बनाकर या गाय के दूध में पाक बनाकर लेने से हृदय रोग की संभावना कम होती है। ब्राह्मी और जटामांसी जैसी औषधि दिमाग को शांत रखती हैं। दिमाग शांत रहने से हृदय के कार्य में बाधा नहीं आती है, जो दिल की धड़कन नियंत्रित करने में लाभकारी है।
पुनर्नवा कोलस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है। कुटकी लिवर पर काम करता है। सभी एंजाइम और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने से हृदय रोग का खतरा काफी कम हो जाता है। हल्दी व अलसी के उपयोग से भी दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।
संवाददाता:लोकपति सिंह