CHANDAULI NEWS: रेलवे के लोको निरीक्षक परीक्षा पेपर लीक मामले में लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम ने दो रेल अधिकारियों समेत 26 रेलकर्मियों को गिरफ्तार कर लखनऊ ले गई। इस मामले में एक सीनियर डीईई (ऑप्स) और 8 अन्य रेलवे अधिकारियों तथा अज्ञात अभ्यर्थी और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई ने 1.17 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किए।
सीबीआई ने 3 और 4 मार्च की मध्य रात्रि को चलाए गए एक अभियान के दौरान मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत विभागीय परीक्षा पेपर लीक घोटाले का पता लगाया। पूर्व मध्य रेलवे ने मुख्य लोको निरीक्षकों के पदों के लिए 4 मार्च को विभागीय परीक्षा निर्धारित की थी। सीबीआई द्वारा मुगलसराय में मध्य रात्रि में 3 स्थानों पर की गई जांच के दौरान कुल 17 अभ्यर्थियों के पास हस्तलिखित प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी पकड़ी।
सीबीआई की जांच में पता चला कि आरोपित सीनियर डीईई (ऑपरेशन) को उक्त परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसने अपने हाथ से अंग्रेजी में प्रश्न लिखे थे और कथित तौर पर इसे एक लोको पायलट को दिया था। जिसे इसे हिंदी में अनुवाद किया और आगे एक ओएस (ट्रेनिंग) को दिया। कथित ओएस (ट्रेनिंग) ने कथित तौर पर इसे कुछ अन्य रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से अभ्यर्थियों को दिया। सीबीआई ने आरोपी सीनियर डीईई (ऑपरेशन) और अन्य रेलवे कर्मचारियों को पैसे इकट्ठा करने और प्रश्नपत्र वितरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने सीनियर डीपीओ सुरजीत सिंह और सीनियर डीईई ओपी सुशांत पराशर को गिरफ्तार किया।

वर्तमान में लोको पायलट के रूप में काम कर रहे 17 विभागीय उम्मीदवारों ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र के लिए पैसे दिए। 3-4 मार्च की रात को प्रश्नपत्रों की प्रतियों के साथ रंगे हाथों पकड़े गए, उन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में अब तक कुल 26 रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सीबीआई ने 8 स्थानों पर तलाशी ली। इस दौरान 1.17 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। कथित तौर पर यह रकम प्रश्नपत्र लीक करने के लिए उम्मीदवारों से वसूली गई थी। हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों के साथ-साथ उनकी फोटोकॉपी भी जब्त कर ली गई और इन प्रश्नपत्रों का मिलान मूल/वास्तविक प्रश्नपत्र से किया गया और पाया गया कि वे मेल खाते हैं। सीबीआई की कार्रवाई से रेलवे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।