चकिया : सावन के अंतिम सोमवार को चकिया स्थित जोगेश्वर धाम में एक अदभुत नजारा देखने को मिला. उस अदभुत नज़ारे को देखकर वहां मौजूद हर इन्सान को एकबारगी कलयुग में श्रवण कुमार की याद आ गयी. जिन्होंने अपने असमर्थ माता पिता को काँवड़ में बिठाकर धामों की यात्रा कराई थी. ठीक उसी तरह सावन के आखिरी सोमवार को मुजफ्फरपुर गाँव निवासी अशोक पाण्डेय ने अपने बुजुर्ग असमर्थ माता – पिता को काँवड़ में बिठाकर, 3 किलोमीटर पैदल यात्रा कर अपने माता – पिता को बाबा जोगेश्वर नाथ के दर्शन कराये.
मंदिर के गर्भ गृह जाने के लिए दर्शनार्थियों ने छोड़ा रास्ता
सावन के आखिरी सोमवार को बाबा जोगेश्वर धाम में लगी दर्शनार्थियों की लम्बी लाइन ने भी अशोक पाण्डेय के लिए रास्ता छोड़ दिया. तत्पश्चात अशोक पाण्डेय अपने 85 वर्षीय पिता व 82 वर्षीय माता को कांवड़ में लेकर मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचे व माता पिता की सावन माह में जोगेश्वर धाम की दर्शन की इच्छा पूरी की. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर हर महादेव व बोल बम से गुंजायमान हो उठा. श्रवण कुमार बनकर अपनी माता-पिता की जोगेश्वर धाम दर्शन की इच्छा पूरी करने वाले अशोक पाण्डेय अपने माता-पिता के 4 बेटों में सबसे छोटे हैं तथा वह मुंबई में ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, फ़िलहाल वह घर आये हुए हैं.