CHANDAULI NEWS : बाबा किनाराम मेडिकल कॉलेज के महिला विभाग की डॉक्टरों की टीम ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए असंभव को भी संभव कर दिखाया है। लंबे समय से बांझपन से जूझ रही एक महिला को जहां मातृत्व का सुख मिलना मुश्किल लग रहा था, वहीं अब उसने न केवल गर्भधारण किया बल्कि जुड़वा बच्चों को सुरक्षित जन्म भी दिया। प्रसव के दौरान पीलिया से पीड़ित महिला की जटिल परिस्थितियों में भी चिकित्सकों की टीम ने सफल इलाज किया।
इस उपलब्धि का श्रेय महिला विभाग की अनुभवी टीम में शामिल विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मंजरी गुप्ता, डॉ. जुही देशपांडे, डॉ. हरजीत कौर, डॉ. सुजाता सिंह और डॉ. शगुन तिवारी शामिल रहीं। इन सभी ने मिलकर महिला की स्थिति का गहन परीक्षण किया और उपचार की एक विशेष योजना बनाई, जिससे उसकी कोख में दो जीवन सुरक्षित रूप से पनप सके। मामला और भी गंभीर तब हो गया जब गर्भावस्था के दौरान महिला को पीलिया और टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियां हो गईं।
ऐसी स्थिति में न केवल गर्भवती महिला की जान को खतरा था, बल्कि गर्भस्थ जुड़वा बच्चों की जिंदगी भी दांव पर थी। परंतु बाबा किनाराम मेडिकल कॉलेज की महिला विशेषज्ञों की टीम ने चुनौती स्वीकार करते हुए महिला और दोनों बच्चों की जान बचाने में सफलता प्राप्त की। आज मां और दोनों नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
यह केस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले इस तरह के जटिल मामलों में मरीजों को दिल्ली, लखनऊ जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, जिससे लाखों रुपये खर्च होते थे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए यह लगभग असंभव हो जाता था। लेकिन अब चंदौली जैसे जिले में ही इतने जटिल मामलों का इलाज संभव हो पाया है।
इस उपलब्धि के लिए मेडिकल कॉलेज के सभी फैकल्टी ने महिला विभाग की टीम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मंजरी गुप्ता, डॉ जूही देशपांडे, डॉ हरजीत कौर, डॉ सुजाता सिंह, डॉ शगुन तिवारी को बहुत बधाई दी और उनके काम को सराहा है ।