CHANDAULI NEWS: चंदौली जिले में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के घटक पर ड्राप मोर क्राप अप घटक अदर इंटरवेंशन के तहत वर्षा जल संचयन के लिए खेत तालाब योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में जनपद में कुल 50 लघु तालाब का लक्ष्य निर्धारित है। इसके तहत अब तक 16 लघु तालाब का निर्माण कराने के साथ ही लाभार्थियों को अनुदान की धनराशि भी डीबीटी के माध्यम से भेज दी गई है। तालाब के निर्माण से वर्षा के जल का संचयन तो होगा ही भूजल स्तर में भी वृद्धि होगी। योजना के लाभ की व्यवस्था प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धांत पर की गई है।
दरअसल दिन प्रतिदिन भू जात का स्तर गिरता जा रहा है। ऐसे में शासन की ओर से वर्षा जल के संचयन को लेकर खेत तालाब योजना चलाई जा रही है, ताकि तालाब का निर्माण कराकर वर्षा के जल को संरक्षित किया जा सके। इसके तहत जनपद में 50 लघु तालाब का निर्माण कराया जाना है। इसमें सामान्य श्रेणी में 30 लघु तालाब व सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के 20 लघु तालाब का लक्ष्य है। इस पर 50 प्रतिशत अनुदान की धनराशि 52500 दो किस्तों में डीबीटी के माध्यम से कृषक के खाते में भुगतान की जाएगी। सामान्य श्रेणी के लक्ष्य (कुल भौतिक लक्ष्य का 60 प्रतिशत) के लिए वह कृषक पात्रता श्रेणी में आएंगे जिन्होंने पूर्व में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित नहीं की है। ऐसे कृषकों को खेत तालाब का अनुदान तभी देय होगा जब वह सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए उद्यान विभाग का त्रिपक्षीय अनुबंध सत्यापन के समय उपलब्ध कराएंगे।
बताया जा रहा है कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित (कुल भौतिक लक्ष्य का 40 प्रतिशत) लक्ष्य के लिए वह कृषक पात्रता श्रेणी में आएंगे। जिन्होंने आवेदन तिथि तक विगत सात वर्षों में उद्यान या कृषि विभाग के माध्यम से अपने खेत पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना किए हों और वह वर्तमान में चालू स्थिति में ही।
पंप सेट अनुदान के लिए वही लाभार्थी पात्र होंगे जिन्होंने पंजीकरण तिथि तक उद्यान विभाग के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित कर ली है और तालाब योजना के तहत तालाब के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिए हैं। इस पर 50 प्रतिशत अधिकतम (रुपया 15000.00) अनुदान निर्धारित है। लघु तालाब के निर्माण के लिए बीते दिनों कुल 52 आवेदन प्राप्त हुए थे। इसमें 27 का चयन किया गया था।
इस सम्बंध में भूमि संरक्षण अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि खेत तालाब योजना के तहत 16 लघु तालाब का निर्माण कराया जा चुका है। शेष तालाब की खोदाई के लिए कार्रवाई अमल में लाई जा रही है, ताकि वर्षा जल का सचयन किया जा सके।