CHANDAULI NEWS: पंडित दीनदयाल रेलवे जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा 4 बच्चों व 2 बच्चों को ले जाने वाले तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। दोनों तस्कर बिहार के रहने वाले हैं और बच्चों को लालच देकर बालश्रम के लिए लेकर जा रहे थे।
रेलवे सुरक्षा बल ने शुक्रवार को रेलवे सुरक्षा बल के थाना के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में AHTU टीम चंदौली, चाइल्ड हेल्पलाइन डीडीयू तथा बचपन बचाओ आंदोलन टीम के द्वारा संयुक्त कार्यवाही के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या 6 से 2 नाबालिक बच्चों के साथ साथ गाड़ी संख्या 15632 गुवाहाटी बाड़मेर एक्सप्रेस के जनरल कोच से 2 नाबालिक बच्चों को को रेस्क्यू किया। उन चारों नाबालिकों के साथ एक- एक तस्करों (ट्रैफिकर) को भी गिरफ्तार किया गया।
बताया जा रहा है कि सारे बच्चे डरे सहमे हालत मे मिले। चारों नाबालिक लड़कों में से 2 नाबालिक बिहार के अररिया जिले के हैं और 2 नाबालिक असम के नवगाँव जिला अंतर्गत सामोगुड़ी के बताए जा रहे हैं। पूछताछ में मामला बालश्रम का पाया गया। फलस्वरूप सभी 4 नाबालिक लड़कों एवं 2 तस्करों को आवश्यक पूछताछ हेतु आरपीएफ थाना पर लाया गया।
पुलिस की जांच में पता चला कि पूर्णिया जिला के श्रीनगर थाना अंतर्गत फरियानी निवासी आरोपी बाल तस्कर 27 वर्षीय लाल मोहम्मद अररिया जिले के संदनपुर ग्राम के दो नाबालिक बच्चों को तथा असम के नवगांव जिले के सोमागुड़ी थाना अंतर्गत बामुनी निवासी 46 वर्षीय आरोपी बाल तस्कर अरुण अपने साथ अपने नवगांव जिले के सोमागुड्डी के ही दो नाबालिक बच्चों को अपने साथ कुछ पैसों का प्रलोभन देकर बाल श्रम करवाने हेतु लेकर जा रहे थे।
जानकारी के बाद सभी नाबालिक बच्चों को रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क-डीडीयू को सही सलामत सुपुर्द किया गया और अग्रिम कार्यवाही हेतु अभियुक्त आरोपी बाल तस्कर लाल मोहम्मद तथा अरुण को शिकायत पत्र के साथ कोतवाली थाना मुगलसराय को सौंपा गया, जहां उसके विरुद्ध उचित कार्यवाही की जा रही है।
उक्त अभियान में उपनिरीक्षक अर्चना कुमारी मीना, सहायक उप निरीक्षक गौतम कुमार सिंह आरक्षी भूपेंद्र कुमार यादव,चाइल्ड लाइन डीडीयू के सुजीत कुमार,श्रीमती सब्बू यादव,बचपन बचाओ आंदोलन की श्रीमती चंदा गुप्ता/सहायक परियोजना अधिकारी, AHTU टीम चंदौली की टीम शामिल रहे।
रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा ऑपरेशन आहट के तहत इस तरह की कार्यवाही समय समय पर की जाती रहती है जिसके अंतर्गत बाल मजदूरी तथा देह व्यापार जैसे कुकृत्य हेतु तस्करों के द्वारा ले जा रहे बच्चों को रेस्क्यू किया जाता है और तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।