चंदौली : प्रदेश और पूर्वांचल के कुख्यात बदमाश अजय सिंह उर्फ विजय ने आज गुप – चुप तरीके से चंदौली कोर्ट में सरेन्डर कर दिया। इसकी भनक लगते ही चंदौली, बनारस सहित लखनऊ की पुलिस अलर्ट पर हो गई हैं। बदमाश अजय सिंह पिछले 15 साल से हत्या और रंगदारी में लिप्त रहा है और चंदौली सहित प्रदेश भर के कई थानों में इस पर कुल 2 दर्जन से अधिक मुकदमे हैं।
डॉ डीपी सिंह हत्याकांड में पहली बार अजय सिंह का नाम आया था सामने
2007 में बनारस के पांडेपुर में सरकारी चिकित्सक डीपी सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उस समय अजय सिंह का नाम पहली बार हत्या में सामने आया था। डीपी सिंह हत्याकांड में जांच होने पर उनकी पत्नी समेत 6 लोगों का नाम सामने आया जिन्हे पुलिस ने उस समय गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था । हालांकि बाद में 2018 में डॉ डीपी सिंह की पत्नी डॉ शिल्पी ने भी संदिग्ध परिस्थितियों में जहर की सुई लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डीपी सिंह हत्याकांड के बाद अजय सिंह का नाम आपराधिक जगत में चर्चा में होता चला गया और वह हत्या, फिरौती, रंगदारी जैसी घटनाओं में संलिप्त होता चला गया।
2013 के बाद कभी गिरफ्तार नहीं हुआ था
2012 में गाजीपुर के सैदपुर में अजय सिंह ने सराफा कारोबारी भाइयों की हत्या कर लूट की बड़ी घटना को अंजाम दिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बदमाश अजय सिंह को बनारस कैंट पुलिस ने 2013 में 9 mm की पिस्टल व 7 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था । उस वक्त अजय पर 50 हजार का इनाम घोषित था और वह किसी डॉ से रंगदारी वसूलने के लिए जा रहा था। उसके बाद जब अजय सिंह जमानत पर छूटा फिर कभी गिरफ्तार नहीं हुआ था।
मई माह से पुलिस ने अजय सिंह की तलाश तेज कर दी थी।
बीते मई महीने में गोमती नगर लखनऊ में एक टीटीई व प्रॉपर्टी डीलर विजय शंकर सिंह की एक पार्टी के दौरान कहा सुनी हुई थी, जिसमें असलहे से गोली चलाई गई जो विजय शंकर सिंह के पेट में लगी थी । उस समय विजय शंकर सिंह की तहरीर पर अजय सिंह उर्फ विजय सहित 4 लोगों पर हत्या का प्रयास,आपराधिक साजिश व धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था, तब से पुलिस ने अजय सिंह उर्फ विजय की तलाश तेज कर दी थी। अब अदालत की अनुमति से अजय सिंह को लखनऊ पुलिस पुछ – ताछ के लिए अपने साथ लखनऊ ले जाने में जुटी है।