सदर : चंदौली जिले की एक बेटी ने वो कर दिखाया जो भारत देश के किसी बेटे या बेटी ने पिछले 10 वर्षों में भी नहीं कर पाए थे. चंदौली जिले के चकिया क्षेत्र की निवासी प्रियंका यादव का चयन अमेरिकन टेपेस्ट्री इंटरनेशनल स्टूडेंट अवार्ड 2018 के लिए चयन किया गया है. Chandauli Times द्वारा जुटाई गयी जानकारी के आधार पर , पेंटिंग के क्षेत्र में दिए जाने वाला यह प्रतिष्ठित अवार्ड पिछले 10 वर्षों में किसी भारतीय को नहीं मिला था. चंदौली की बेटी प्रियंका यादव ने अपने इस उपलब्धि से चंदौली के साथ ही साथ पुरे प्रदेश व देश को गौरवान्वित किया है.
6 माह में बनायी थी पेंटिंग
BHU की छात्रा प्रियंका यादव ने ATE में आवेदन के लिए 4 पेंटिंग भेजी थी. 4 पेंटिंग में से 1 पेंटिंग, एक वृद्ध व्यक्ति की थी, जिसे बनाने में प्रियंका यादव को पुरे 6 माह का समय लगा था. वृद्ध व्यक्ति के पेंटिंग के माध्यम से प्रियंका ने उस व्यक्ति के पुरे जीवन काल के भाव को पिरोया है. टेक्सटाइल डिजाईन छात्रा प्रियंका ने पेंटिंग में वृद्ध की आँखों द्वारा उसके जीवन का अनुभव व उसके जीवन की सच्चाई को दर्शाया है. वहीँ पेंटिंग में गहरे रंग का उपयोग “मौत , जो जीवन काल का एक मात्र सत्य है .” को दर्शाने के लिए किया गया है.
माँ ने बढ़ाया प्रियंका का साहस
बकौल प्रियंका , “माँ ने मेरा हौसलाअफजाई कर मुझे बनारस पढने भेजा. मैंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के दृश्य कला संकाय से स्नातक किया, वर्तमान में मैं टेक्सटाइल डिजाईन से मास्टर्स कर रही हूँ. मास्टर्स के दौरान ही मैंने टेपेस्ट्री के बारे में जाना और फिर मैंने इसके लिए अलग से समय निकालना शुरू किया. मुझे मेरे पेंटिंग के लिए प्रेरणा एक मध्यम वर्ग परिवार से मिला. मैंने पेंटिंग के माध्यम से जीवन के उतार चढाव दिखाने की कोशिश की है.” प्रियंका को पूर्व में भी पेंटिंग के क्षेत्र में अवार्ड मिल चुके हैं. इसके अलावा प्रियंका को भारत सरकार के ministry of culture से स्कॉलरशिप भी मिल चुकी है.
प्रियंका की अन्य 3 पेंटिंग्स जो उन्होंने ATA अवार्ड के लिए भेजा था
“बनारस की गलियां” को दर्शाती पेंटिंग
ATA winner बनने के बाद अब प्रियंका को एक वर्ष मेम्बरशिप के लिए अमेरिका जाने का मौका मिलेगा.
प्रियंका की यह पेंटिंग Happiness को दर्शाती है
“bandis”
Gratitude & Sources : ATA