चंदौली : शासन द्वारा एक महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है जिसके तहत, गांव में वर्षों से आबादी भूमि पर रह रहे ग्रामीणों का नाम अब राजस्व अभिलेख में दर्ज होगा। आबादी भूमि पर रह रहे ग्रामीणों का डाटा राजस्व अभिलेख में दर्ज होने के बाद, काफी हद तक जमीनी विवाद कम हो सकेंगे। इसके अलावा आबादी जमीन पर घर बनाकर रह रहे ग्रामीण को भी जमीन का मालिकाना की पुष्टि करता घरौनी प्रमाण पत्र मिल जाने से वह आसानी से सरकार की कई योजनाओं का लाभ ले सकेगा।
ऐसे बनेगा घरौनी प्रमाण पत्र
इस योजना के तहत पहले चरण में चंदौली जनपद के कुल 200 गांवों मे सर्वे शुरू कर दिया गया है जिसके तहत संबंधित क्षेत्र के लेखपाल डोर टू डोर जाकर, आबादी भूमि में वर्षों पूर्व बने घरों का सर्वे करेंगे। सर्वे पूरा होने के उपरांत प्रत्येक घरों की घरौनी तैयार की जाएगी , जिससे भू – स्वामी को भविष्य में आसानी से घरौनी प्रमाण पत्र मिल सके। अभी तक शासन के पास कृषि भूमि को छोड़ कर आबादी भूमि का कोई प्रमाण पत्र राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं है।
ड्रोन कैमरे से होगा सर्वेक्षण
लेखपालों के सर्वे के अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस. आई.) द्वारा भी ड्रोन कैमरे से घरों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तत्पश्चात सभी घरों का एक नक्शा व घरौनी प्रमाण पत्र तैयार कर गूगल मैप में चिन्हित किया जाएगा और सारे रिकार्ड ऑनलाइन भी मौजूद हो सकेंगे। इस बारे में और जानकारी देते हुए सकलडीहा एसडीएम प्रदीप कुमार ने बताया कि स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि वाले प्रत्येक घरों को चिन्हित कर राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जा रहा है।
इसके साथ ही प्रत्येक घरों की घरौनी तैयार किया जाएगा इससे भविष्य में भू – स्वामी को घरौनी का प्रमाण पत्र आसानी से मिल सकेगा। इस योजना के तहत पहले चरण में सकलडीहा तहसील के 60 गांवों में डोर टू डोर सर्वे की प्रक्रिया चल रही है।
चन्दौली जनपद की ताज़ातरीन खबरों की अपडेट पाने के लिए आप Chandauli Times के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/ChandauliTime को लाइक करें, ट्विटर पर https://twitter.com/ChandauliTimes फ़ॉलो करें. यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/channel/UC1FkA15w65rqdF7hV2O_erA को सब्सक्राइब करें.