चंदौली : कोरोना काल मे सारे परिषदीय विद्यालयों मे पठन – पाठन का कार्य बंद है फलस्वरूप बच्चे विद्यालय भी नहीं आ रहे हैं जिस वजह से वह शासन द्वारा निर्धारित, विद्यालय में मिड डे मील योजना से भी वंचित हो रहे हैं। इसी को देखते हुए शासन ने घर पर ही बच्चों को पौष्टिक एमडीएम देने की योजना बनाई और परिषदीय स्कूलों के अध्यापकों के मदद से सभी बच्चों के अभिभावकों का खाता विवरण अपने पास उपलब्ध कर लिया और एमडीएम का पैसा डायरेक्ट बच्चों के अभिभावकों के खातों मे देने की योजना बनाई।
जून माह में मिले इतने पैसे
एमडीएम के लिए शासन ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए 374 रुपये प्रति माह व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए 561 रुपये प्रति माह देने की योजना बनाई गई। लेकिन इस दौरान शासन के पास बजट की काफी कमी आ गई जिससे जून माह में प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के अभिभावकों के खाते में महज 54 रुपये व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के अभिभावकों के खाते मे 80 रुपये ट्रांसफ़र किए गए। वहीं जुलाई माह में प्राथमिक के छात्रों को 126 व पूर्व माध्यमिक छात्रों के अभिभावकों के खाते में 190 रुपये की धनराशि भेजी जाएगी।
क्या बोले अधिकारी ..
इस बारे में मिड डे मील के जिला समन्वयक , नीरज सिंह ने बताया कि , शासन के निर्देश पर परिषदीय विद्यालय के छात्रों के अभिभावकों के बैंक खातों में हर माह एमडीएम धनराशि भेजी जा रही है। हालांकि शासन से काम बजट आने की वजह से काम पैसा दिया जा रहा है, आगे चलकर बजट की स्वीकृति मिलने पर उस कमी की भरपाई कर दी जाएगी। इस योजना के द्वारा चंदौली जिले के 2 लाख , 34 हजार , 965 छात्र – छात्राओं के अभिभावकों के खाते मे पैसे दिए जा रहे हैं।
कोटेदारों से मिल रहा राशन ..
कोरोना महामारी के इस वैश्विक त्रासदी के बीच बंद चल रहे परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को शासन द्वारा, कोटेदार के माध्यम से प्रति माह राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को 7 किलो 600 ग्राम राशन दिया जा रहा है जिसमें 5 किलो 100 ग्राम चावल व 2.50 किलोग्राम गेहूं दिया जा रहा हैं वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को 11 किलो 400 ग्राम राशन मील रहा है जिसमें 7.60 किलो चावल व 3.80 किलो गेहूं दिया जा रहा है।