सदर : “आजादी के बाद से ही सभी दलों ने विश्वकर्मा समाज से भेद – भाव व समाज की घोर उपेक्षा की है, जिससे विश्वकर्मा समाज आज भी शोषित और वंचित है. सरकार पिछड़ा आरक्षण को समाप्त करने का लगातार षड़यंत्र रच रही है, जिससे समाज के शिक्षित नौजवानों के सामने रोजगार की विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी है फलस्वरूप उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है. आज की तारीख में पुरे देश में विश्वकर्मा समाज के लोग सबसे अधिक उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं” . उक्त बातें ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने की बैठक के दौरान चंदौली में कहीं.
विश्वकर्मा पूजा का अवकाश रद्द करने पर आक्रोश
ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने अपने संबोधन में आगे कहा कि करोड़ों विश्वकर्मा वंशजों के आस्था और गौरव के प्रतीक भगवान विश्वकर्मा के पूजा पर्व का अवकाश रद्द करके अपमानित करने के साथ ही सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को समाप्त करने का षड्यंत्र इन दिनों किया जा रहा है. एक ओर सरकार जहां माटी कला बोर्ड, व्यापारी कल्याण बोर्ड की स्थापना कर रही है वहीं दूसरी ओर इस समाज के आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के उद्देश्य से दस्तकार शिल्पकार विकास निगम की लंबित मांग को लगातार दरकिनार कर भेदभाव और अन्याय कर रही है ।
विश्वकर्मा समाज ने सर्वसम्मति से नोटा दबाने का लिया निर्णय
सभा में विश्वकर्मा समाज ने सर्वसम्मति से नोटा का बटन दबाने का संकल्प लिया गया। सभा की अध्यक्षता श्री रामधारी विश्वकर्मा तथा संचालन श्रीकांत विश्वकर्मा ने किया. इस अवसर पर उपस्थित लोगों में प्रमुख रुप से डॉ प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, भैरो प्रसाद विश्वकर्मा, रामकिशुन विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, दीनदयाल विश्वकर्मा, दिनेश विश्वकर्मा, प्रेम विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा, परमेश्वर विश्वकर्मा, धर्मेंद्र विश्वकर्मा, गौतम विश्वकर्मा, पुन्नालाल विश्वकर्मा, लल्लू विश्वकर्मा, भूपेंद्र विश्वकर्मा, कमलेश विश्वकर्मा, रामाधार विश्वकर्मा, दरोगा विश्वकर्मा, गोविंद विश्वकर्मा, शिव मूरत विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे .